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कुछ ठहरकर उसने फिर कहा, “मैं जानती हूँ कि तुम रहने नहीं आये हो और रहोगे भी नहीं। चाहे जितनी भी प्रार्थना क्यों न करूँ, तुम दो-एक दिन बाद चले ही ...